What is the definition of success hindi|What are the most important things for success?
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What is the definition of success अर्थात सफलता की परिभाषा क्या है? साथ ही आखिर हम कैसे सफलता पा सकते हैं? सफलता के लिए सबसे जरूरी बातें क्या हैं? उन पर कुछ उद्धरण एवं लघुकथा के साथ विश्लेषण करेंगे। आपसे दरख्वास्त है लेख को पूरा पढ़े बिना निर्णय न लें। पूरा पढ़ने के बाद भी यदि आपको रुचिकर नही लगता है तो आप कमेंट अवश्य करें। आपकी मेहबानी होगी।
Success कौन नहीं चाहता? हर कोई इसका इच्छुक है। मेहनत करने से शायद ही कोई कतराता हो। आप भी मेहनत से मना नहीं करते। परंतु मनचाही सफलता नहीं मिलती। तो क्यों न पहले सफलता क्या है? इसका उत्तर विश्लेषित कर लें।
सफलता क्या है?|सफलता के लिए जरूरी बातें क्या हैं?
सफलता आपके अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों से परिभाषित होती है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि सफलता आपके लिए क्या मायने रखती है? और फिर उसे प्राप्त करने की दिशा में आप किस तरह से काम करते हैं।
What is the real definition of success?|सफलता की परिभाषा, सफलता का क्या अर्थ है
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सफलता क्या है?- मात्र 5 बातें बस! जिसमें दो बातें आपको सफलता ना मिले तो? और दो बातें सफलता मिले तो? पांचवां आपसे प्रश्न है, जिसका उत्तर आपको ईमानदारी से, स्वयं से पूछना है।
सफलता ना मिले तो.….
- मनुष्य उस गलती को नहीं देखता जिससे कि वह असफल हुआ है इसके बजाय दूसरों पर दोष मढ़कर अपना पल्ला झाड़ लेता है, तो वह टूटकर बिखर जाता है।
- मनुष्य स्वयं की गलती मानकर सभी गलतियों को फिर से न करने का निश्चय कर स्वयं को और अधिक सक्षम पाता है, और वह एक बार फिर कमर कसता है।
सफलता मिले तो....
- सफलता निम्न स्तर की सबसे घटिया विषय वस्तु है और मनुष्य को निम्न से भी निचले स्तर पर ला देती है और बेचैन करती है! क्योंकि वह दूसरों के लिए इसे प्राप्त करता है।
- सफलता उच्च स्तर की वह सीढ़ी है जो मनुष्य को उच्चस्तर ही नही आत्मसंतुष्टि भी प्रदान करती है। क्योंकि वह स्वयं की खुशी के लिए इसे प्राप्त करता है।
👉अब पांचवां आपसे प्रश्न है कि आप कौन सी सफलता अथवा असफलता चाहते हैं मर्जी आपकी है?स्मरण रहे यह बात आपको पूरी ईमानदारी से स्वयं से पूछनी है। और जो आपका उत्तर होगा वह आपका निजी होगा। उसी के अनुसार आप अपने जीवन को सफल अथवा असफल बना लेंगे।🤔
What are the most important things for success|सफलता के लिए जरूरी बातें क्या हैं?
जीवन में सफलता केवल भाग्य की बात नहीं है, यह दृष्टिकोण की बात है। अर्थात आप जितनी मेहनत करते हैं, आपको उतनी सफलता मिलती है। परंतु जब आप सपने देखते हैं उच्च स्तर के और परिश्रम करते हैं निम्न स्तर का तो जो परिणाम होगा उसे आप सफलता नहीं मानेंगे। जबकि हम और आप यह भूल जाते हैं कि हमारे जैसे जीवों को मूर्ख बनाया जा सकता है, उसको नही जिसने हम सबको बनाया है जिसका अवलोकन, जिसका परिमाप कभी पक्षपात नहीं करता।
जिसका जितना है आंचल यहां पर उसको सौगात उतनी मिलेगी।
फूल जीवन में गर ना खिले तो कांटो से भी निभाना पड़ेगा।।
अर्थात कांटो को फूल बनाना होगा। इसी को तो कहते हैं, "होनहार बीरबान के होत चिकने पात।" हालांकि इंटरनेट पर इस उक्ति का अर्थ ही गलत फैल रहा है। जबकि इसका सही अर्थ है, होनहार बीरबान (हिम्मती व बहादुर) व्यक्ति वह है जो बार बार गिरता है और फिर उठकर आगे बढ़ता है। खैर! हमारा मुद्दा दूसरा तो नही है, परंतु पहले सफलता के लिए मेहनत कैसे करनी चाहिए? उसी पर आते हैं।
सफलता के लिए जरूरी बातें|हमारी नीयत लघुकथा सफलता के लिए
जी बिलकुल! हमारी सफलता में हमारी नीयत का अहम योगदान होता है। वरन हर तरह की विषय वस्तु मिलने पर भी हम वह नही करते जिसकी जरूरत होती है। वैसे ही जैसे ओहदा मिलने पर भी बंदर ने अपना फर्ज नही निभाया। चलिए एक inspirational short story देखते हैं।
How to Success inspirational short story in hindi|सफलता की पूरी गाइड और इसे कैसे प्राप्त करें?
एक बार जंगल के सभी जानवरों ने मिलकर बंदर को अपना पंच नियुक्त कर लिया। पंच का कार्य था जंगल के जानवरों की समस्याओं का समाधान करने का। पंच का ओहदा मिलने पर बंदर दिनभर आराम करते। ना खाने की तलाश में इधर भटकते और न भूखे रहते। दूसरे जानवरों पर पंची का रोब झाड़कर उनसे खाने का अपना काम चला लेते। हालांकि पंच बनाते समय ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई थी। परंतु जानवर आवाज नही उठाते। सोचते पंच से पता नही कब काम पड़ जाए। कहीं पंच अपनी खुन्नस ना निकाल लें।
पंच की जिंदगी मजे में थी। परंतु असफलता के बाद सफलता और सुख के बाद दुख का चलन तो निरंतर चलता ही है। पेड़ पर पूर्ण निंद्रा में सोए पंच साहब के कानों में एक भेड़ के रोने की आवाज गूंजी। "पंच जी! पंच!"- पंच हड़बड़ा कर उठ गए। पेड़ से नीचे देखा, एक भेड़ रो रो कर "पंच बचाइए, बचाइए पंच जी!" बंदर ने इधर उधर देखा कोई इसके पीछे तो नही पड़ा। परंतु कोई नही था हां भेड़ की आवाज सुनकर धीरे धीरे आसपास जानवर एकत्रित जरूर होने लगे थे। "क्या हुआ कुछ बताओगी भी या रोती रहोगी।" पंच ने पेड़ पर बैठे बैठे कहा।
भेड़ ने बताया कि उसके मेमने को शेर उठाकर ले गया आप पंच हैं उसे बचाए। शेर से भेड़ को उसका मेमना लाकर दे। शेर के नाम से पंच की आंखें गोलाई में कुछ अधिक ही खुल गई बचाने की बात तो बहुत दूर रही। परंतु अपने ओहदे का भी ख्याल था। कुछ न कुछ तो करना ही होगा। वरना पंची तो जाएगी ही इज्जत के टके हो जायेंगे वो अलग।
बंदर ने आव देखा न ताव कभी इस पेड़ पर तो कभी उस पेड़ पर छलांग लगाने लगा। भेड़ की आवाज सुनकर आसपास जानवर एकत्रित हो गए और पंच की "मेमना बचाओ" प्रक्रिया उपर पेड़ पर सिर उठाए देखने लगे। बंदर ने तीन चार पेड़ों के गोलाकार घेरे में इधर से उधर छलांग मारना जारी रखा। भेड़ के साथ साथ सभी नीचे खड़े जानवर, पंच की कार्यवाही पर आश्चर्यचकित थे कि आखिर पंच साहब कर क्या रहे हैं?
हिम्मत करके भालू ने पूछ लिया, "पंच साहब आप कर क्या रहे हैं?"
बंदर हांफते हुए, "दिखाई नहीं देता मेमने को बचाने के लिए भागदौड़ (मेहनत) कर रहा हूं।" भालू सहित सभी जानवर देख रहे थे कि शेर की गुफा तो उधर है। फिर पंच इन दो चार पेड़ों पर कौन सी भागदौड़ कर रहे हैं? भालू बोला, "लेकिन पंच साहब शेर की गुफा तो उधर है आप वहां...!" भालू की बात बीच में ही रह गई और पंच रुककर बोले "चल-चल अब मुझे मत सिखा, देखो बहन! ऐसे लोग ही ईमानदारी से काम नहीं होने देते। मैं आपके मेमने को बचाने के लिए भागदौड़ कर रहा हूं और भालू साहब अपनी ही हांक रहे हैं। देखो मैं वादा करता हूं कि मैं तुम्हारे मेमने को बचाने में अपनी भागदौड़ में तो कोई कसर नहीं छोडूंगा जी जान लगा दूंगा। इसके बावजूद भी तुम्हारे मेमने को शेर खायेगा, तो खायेगा ही! इसमें मैं और कर भी क्या सकता हूं?" कहकर बंदर फिर पेड़ों पर चक्कर काटने लगा।
तो देखा आपने अब आप भी तो इस तरह की दिखावटी भागदौड़ या परिश्रम तो नही कर रहे? स्वयं से पूछिएगा जरूर। खैर! चलिए सबसे पहले तो हम स्पष्ट करते हैं कि आप जिस किसी सफलता के लिए सजग हैं, पाना चाहते हैं उसके प्रति अपनी नीयत को बरकरार रखें। यह कदापि न सोचे "यह नहीं तो वो सही"। साथ ही उसके लिए की जाने वाली मेहनत के लिए सदैव तत्पर रहें। उस मेहनत से बचने के लिए कोई बहाना, कोई विकल्प तलाशना बंद करें। विकल्प तलाशना ही है तो उस समस्या के लिए तलाशे जो आपकी सफलता में रोड़े अटका रही है। कल आपका टेस्ट है और आज रातभर बिजली गुल रहेगी तो इस बहाने को अपनी ढाल बनाने की बजाय उसका विकल्प तलाश करें कि आप पढ़ कैसे सकते हैं, तलाश करें कि आप अंधेरे को उजाले में कैसे बदल सकते हैं? क्योंकि पढ़ाई तो तब भी लोग करते होंगे जब बिजली का कहीं नामोनिशान तक नहीं था।
एक सफल जीवन की तीन कुंजी हैं जिसे जीवन में ढाले
सफलता प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करें और फिर हर दिन उनके लिए कड़ी मेहनत करें। ये तीन सफलता की कुंजी इन्हें याद रखें और जीवन में ढाले।
- आप जो करते हैं उससे प्यार करें।
- जोखिम लेने से नहीं डरना है।
- असफल होने का साहस रखना है।
1. आप जो करते हैं उससे प्यार करें सफलता आपकी होगी
मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आप किसी उत्सव या विवाह समारोह में जाने के लिए सप्ताह भर पहले तो तैयारी शुरू कर ही देते होंगे। यदि यह सही है तो क्यों? क्योंकि आप उस कल्पनीय आनंद के लिए स्वयं को तैयार करते हैं। वही उत्साह अपने कार्य में दिखाएं तो हम उस आनंद के अनुभव को कर पाएंगे जो फलस्वरूप सफलता के रूप में मिलने से पूर्व ही मिल जाता है। और यकीनन हम अपने किए जाने वाले कार्य से प्रेम करेंगे तो वह हमारी आदत बन जायेगा और सफलता-असफलता के मायने भी फीके नजर आएंगे। हम सोच पाएंगे कि हमे अनुभव तो हुआ। और अनुभव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है इसे कोई नही नकार सकता।
2. जोखिम लेने से नहीं डरना है सफलता की कुंजी है
सफलता के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक आत्मविश्वास है। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे आप सिर्फ दुकान से खरीद सकते हैं और सूट या ड्रेस की तरह पहन सकते हैं। आत्मविश्वास अर्जित करना होता है, और जोखिम उठाकर अर्जित करना होता है।
आत्मविश्वास बढ़ाने की दिशा में पहला कदम यह है कि आप किसी ऐसी चीज की तलाश करें जिसमें आप अच्छे हों और फिर उस क्षेत्र में जोखिम उठाएं। आप जितने अधिक जोखिम लेंगे, आप उतने ही अधिक आत्मविश्वासी बनेंगे।
3. असफल होने का साहस रखना|असफलता से सफलता की ओर ले जाता है
यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो आपको कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए और मुश्किल होने पर हार नहीं माननी चाहिए।
मेरा एक दोस्त है। वह आज तो एक बढ़िया सी पोस्ट पर सरकार की सेवा कर रहा है। परंतु बात तब की है जब हम नौजवान हुआ करते थे। शादी न उसकी हुई थी और न मेरी। तब वह पहलवानी करता था। मात्र इसलिए कि उसे सेहत बनाने का खासा शौक था। लेकिन मेलो में होने वाली कुश्तियों को देखने अवश्य जाता था।
यह देख मैंने उसके मन को टटोला कि भाई तू भी कभी एक दो पहलवानों से भिड़ ले। परंतु उसने साफ मना कर दिया। मैने उसके मुंह पर ही कह दिया कि तू डरता है। उसने ना कहा। मैने कहा नही! वो वाला डरना नहीं। तू डरता है अपनी हार से, तू डरता है कि यदि मैं हार गया तो... तो तेरी बेइज्जती हो जायेगी। भाई इसमें बेइज्जती कुछ नही है, कोशिश करना हमारा काम बाकि उपर वाले पर छोड़।
मैंने उसे बहुत समझाया कि यदि कोई हार से डरता तो आज हम ट्रेन में नही बैठते, हवाई जहाज में नही उड़ते, यहां से वहां का आवागमन करने में हमारे पूर्वजों की आधी से अधिक जिंदगी तो यात्रा में ही कट गई। परंतु हमारे साथ ऐसा नहीं है। ट्रेन बनाने वाले पर क्या पहली बार लोग हंसे नही होंगे? आसमान में पक्षियों की भांति उड़ने की बात कहने पर लोगों ने बनाने की शुरुआत करने वाले की कितनी खिल्ली उड़ाई होगी। परंतु उसे खुद पर भरोसा था। उसे अपने परीक्षण पर यकीन था और उसने सबकी आंखें खोल दी। इसलिए हार से नहीं डरना चाहिए। जो कहता है मैने जिंदगी में कभी हार नही देखी तो यकीनन उसने कुछ नया करने की कभी नही सोची। परंतु वह नही माना और एक अच्छे सुदृढ़ शरीर के मालिक ने कभी कुश्ती नही की।
ऐसे यदि आप असफलता से कतराते हैं तो यकीनन आपको शुरुआत नही करनी चाहिए। और यदि असफलता में अपनी कमियां ढूंढकर एक बार फिर कोशिश करते हैं तो यकीनन आप अवश्य सफल होंगे।
सफल लोग असफलता से नहीं डरते क्योंकि वे जानते हैं कि यह जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और वे इसको साथ लेकर चलते हैं और सफल होते हैं।
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