Way to success motivational short story for success|गुणवत्ता कायम रखना सफलता का मंत्र है
Way to success में आपके सम्मुख एक short motivational story आपके समक्ष प्रस्तुत है। जिससे आपको ज्ञात होगा कि अपनी गुणवत्ता को कायम रखना भी सफलता का मंत्र है।
Affirmations for success अर्थात सफलता के अभिकथन की गहराई को देखे तो हमारी सफलता के लिए हमारी गुणवत्ता बहुत मायने रखती है। Way to success - यदि हम अपनी गुणवत्ता के साथ समझौता न करके अपने निश्चय पर अडिग रहें तो हमारी गुणवत्ता हमारी आदत में ढल जाती है और हमारा व्यावहारिक अनुभव इतना हो जाता है कि अपने कार्य को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ करके बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
Way to success Short Motivational story in hindi|Affirmations for success
हुनर की भी गुणवत्ता मायने रखती है, वरना तैरना तो जानवरों को भी आता है और वह भी बिना किसी प्रशिक्षु और अनुभव के।
मतलब यह, कि केवल हुनर होने से कुछ नही होता उसे तराशना भी पड़ता है, उसमे गुणवत्ता लाना होता है। और उस गुणवत्ता को आदत बनाना होता है। चलिए थोड़ा और सरलता से Short Motivational story से समझते हैं।
एक बार कलपुर्जे बनाने वाली एक जापानी कंपनी के साथ एक अमेरिकन कंपनी का अनुबंध हुआ। अमेरिकन कंपनी को जापानी कंपनी से पुर्जे बनवाने थे सो उन्होंने ऑर्डर दिया। अमेरिकन कंपनी के ऑर्डर में जापानी कंपनी को एक लाख पुर्जे बनाकर देने थे। साथ ही साथ अमेरिकन कंपनी की शर्त थी कि एक लाख सही पुरजों में केवल दश ही खराब पुर्जे होने चाहिए।
जापानी कंपनी ने ऑर्डर को समय पर पूरा किया और एक लाख सही पुर्जे, और दश खराब पुर्जे अमेरिका भेज दिए साथ ही साथ एक पत्र भी दिया जिसमे लिखा था कि "माफ कीजिए हमे आपका ऑर्डर समझने में थोड़ी सी परेशानी हुई इसलिए आपके एक लाख पुर्जों के साथ दश खराब पुर्जे अलग से बनाकर आपके लिए भेज दिए हैं।"
Sustaining your quality is the mantra of success|अपनी गुणवत्ता को कायम रखना सफलता का मंत्र है
कुछ समझे? क्या समझे आप? यदि आप समझें होंगे कि एक ही कार्य करते करते थोड़ी बहुत गलती की गुंजाइश होती है। तो आप गलत हैं।
यदि आप समझे हैं कि उस एक कार्य को करते हुए हमारा अनुभव इतना हो चुका होता है कि आंख मूंदकर भी उसे पूरा किया जा सकता है। गलती की गुंजाइश नहीं होती।
इसे ही गुणवत्ता कहा जाता है। और गुणवत्ता कभी कभी किया जाने वाला कार्य नही है, बल्कि दिन रात ध्यान में रखने वाली एवं व्यवहार में इस्तेमाल करने वाली आदत होती है।
और जीवन में आदत की क्या महत्ता है, इससे शायद ही कोई अनभिज्ञ हो? क्योंकि आदतें जीवन के साथ भी मायने रखती हैं और जीवन के बाद भी। क्यों और कैसे तो मान कर चलिए कि:-
जो हम सोचते हैं, विचारते हैं वही हम कहते हैं। जो हम कहते हैं वही हम करते हैं। जो कुछ भी हम करते हैं, वो ही हमारी आदतें बनती जाती हैं। आदतों से बनता है हमारा चरित्र और यकीनन चरित्र ही हमारा भाग्य निर्माण करता है।
इसलिए जीवन में हमारे विचार से बनी आदत एक अहम पहलू है। हमारे कार्य ही हमारी आदतें हैं। रही बात आदत को बरकरार रखने की, तो अपनी आदत पर कायम रहना, हम पर है न कि दूसरो पर।
हालांकि जीवन में वह परिस्थिति भी आती है जब हम कभी दोराहे पर भी स्वयं को खड़ा पाते हैं। कुछ ऐसी परिस्थितियां बन सकती हैं जब हमे अपनी गुणवत्ता से समझौता करने की नौबत आ जाती है। परंतु कहते हैं ना कि इंसान की पहचान तो विपरीत परिस्थितियों में ही होती है। यह एक तरह का इम्तिहान ही होता है जब हमें अपनी गुणवत्ता से समझौता करने का सुझाव मिलता है अथवा हमे कोई मजबूर करता है या हम स्वयं को मजबूर करते हैं।
अपनी गुणवत्ता के साथ समझौता करते समय एक बार विचारे अवश्य। अन्यथा अपनी गुणवत्ता के साथ किया गया समझौता स्वयं की पहचान के साथ साथ हुनर को भी नष्ट कर देता है। जबकि गुणवत्ता हमें मनचाही सफलता से संपर्क कराती है और आत्मसंतुष्टि भी प्रदान करती है।
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