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बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

KYC full form meaning kya hai in hindi

KYC full form meaning kya hai in hindi 

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KYC क्या है, जरूरी क्यों है? Kyc full form in hindi

क्या आप नहीं जानते KYC क्या है? आप जानते हैं। शायद ही कोई हो जो इस प्रक्रिया से न गुजरा हो। परन्तु क्या आप ये जानते हैं कि यह इतना जरूरी क्यों है और हमें आखिर इस प्रक्रिया से क्यों गुजरना पड़ता है, और कैसे गुजरना पड़ता है? संपूर्ण जानकारी के लिए बने रहिए। आपके हर सवाल का जवाब मिलेगा।

पहले एक प्रश्न - KYC क्या है?

आज लगभग बैंकों से तो सभी वाकिफ होंगे, और घर में सबका नहीं तो हर घर में कम स कम किसी एक का तो बैंक में खाता (Account) जरूर होगा। Purpose (उद्देश्य) कुछ भी हो सकता है, जमा पूंजी के लिए, लेन देन के लिए, बैंक के द्वारा उपलब्ध सुविधाओं का लाभ लेने के लिए, कहने का मतलब है, कुछ भी हो सकता है। NAREGA full form in hindi English 

मामला (Matter) यह नहीं है। मामला है, kyc क्या है? बैंकिंग, बीमा के अलावा और भी अनेक प्रकार के वित्तीय (Financial) क्षेत्रों से जुड़ना है, तो हमे इस kyc नाम की बला से मुलाकात करनी होती है। अभिप्राय यह है कि बैंक हो या कोई दूसरे वित्तीय क्षेत्र मसलन यूटीआईआई (UTI) फंड वगैरह में हमें kyc की बहुत अधिक जरूरत होती है, स्मरण रहे यह जरूरत ही नहीं एक अहम व महत्वपूर्ण प्रक्रिया है,जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। क्यों? चलिए जानते हैं।

KYC से अभिप्राय क्या है?

KYC नाम जरूर सुना है परन्तु हम अगर यह नहीं जानते कि KYC hota kya hai या KYC ka matlab क्या होता है? जब किसी चीज के बारे में जानकारी न हो तो हम अपने आपको थोड़ा परेशान सा महशुश करते हैं तो आपकी परेशानी व उत्सुकता के लिए यह एक संक्षिप्त आर्टिकल है जिसमें बड़ी जानकारी मिलेगी जो आपकी उत्सुकता शांत करेगा। जो आपको बताएगी कि What is KYC hindi me। यह आपके लिए बहुत काम की साबित होगी। यह जानने के लिए कि आपको KYC क्यों कराना चाहिए। पहले जाने KYC Full form & KYC meaning in hindi फिर आपके बहुत से सवाल  निरुत्तर नहीं रहेंगे, तो बने रहिए।

क्या आप Google की Full Form जानते हैं? नहीं! तो जानिए।

KYC full form aur KYC क्यों जरूरी है?

पहले हम यह जान ले कि इन तीन अक्षर KYC का full form है Know Your Customer अर्थात आप हिंदी में यह कह सकते हैं आपके ग्राहक को जानो या जानना। KYC एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा बैंक या कोई भी वित्तीय क्षेत्र  के संसाधन या संस्थान अपने ग्राहक से जरूरी KYC नामक फॉर्म भरवाते हैं और उसके प्रूफ के तौर पर कुछ दस्तावेज (Documents) जमा करवाते हैं जिनमें आपकी व्यक्तिगत पहचान सत्यापित (Identity Verified) होती है। उसके द्वारा एक फॉर्म भरवाकर ग्राहक की पहचान (Identity) और उसके पते (Address) की जानकारी प्राप्त करती है, और पुष्टि की जाती है कि आप वही हैं। इस प्रक्रिया द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि जिस बैंक या कंपनी कि सेवाओं का जो उपयोग कर रहा है वह वही व्यक्ति है ना कि कोई दूसरा। इससे कंपनी सुनिश्चित करती है कि कहीं उनकी सेवाओं का कोई दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा है। इस कारण बैंकों को समय-समय पर अपने ग्राहकों को KYC Status के अनुसार केवाईसी अपडेट करने की भी आवश्यकता होती है।

KYC ka उद्देश्य समझिए सरल भाषा में, KYC Jankari Hindi Mein:-

एक छोटा सा उदाहरण लेते हैं, हमारे घर में कोई मेहमान आ जाता है, जिसे हमने पहले शायद ही कभी देखा हो, और अगर देखा भी है तो चित्त पर नहीं आता मतलब याद नहीं है। तो हम थोड़ी सी फॉर्मल्टी सी करते हैं। पर जब हमारे ही घर का कोई सदस्य उसे पूरी तरह से जानता है और उसका बायोडाटा मतलब उसकी KYC के बारे में हमें बताता है कि ये तो हमारी फलां भुवा का बेटा है, और उस गांव या शहर में रहता है, वह करता क्या है? वगैरह का पता चलता है कि एक तरह से ये तो हमारे ही परिवार का सदस्य है तो रेस्पेक्ट (Respect) कुछ और ही हो जाती है। ऐसे कोई भी संस्था जब KYC form fill करवा कर और जरूरी डाक्यूमेंट्स लेती है तो वह हमें अपना ग्राहक, एक सदस्य बनाती है, ताकि आपके अलावा कोई दूसरा आपके नाम से उनकी सेवाएं ना ले सके उनका दुरुपयोग न कर सके। इसीलिए सत्यापन के लिए आइडेंटिटी (Identity) व एड्रेस (Address) के दस्तावेज जमा करना होता है।

KYC Kya Hai? – जानिए केवाईसी से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में।

यह ऐसे भी है कि जब हम दूरसंचार की सेवाओं का लाभ लेने के लिए किसी कंपनी का SIM Card लेते हैं तो उसके लिए दस्तावेज स्वरूप अपना आधार कार्ड देते हैं, वह भी एक तरह से KYC ही है। चलिए उन दस्तावेज के बारे में जान लेते हैं जो KYC form fill करते वक्त मांगे जा सकते हैं। इसमें वैसे तो सब जानते ही हैं कि पहचान के लिए और पता सत्यापन के लिए कौन कौन से डॉक्यूमेंट होते हैं। जानने योग्य यह है कि क्या किसी एक दस्तावेज में ही दोनों हो सकते हैं, मतलब पता भी और व्यक्ति पहचान भी? तो जवाब होगा, ना भी और हां भी। इस बात की पुष्टि तो स्वयं से भी कि जा सकती है।

KYC documents:-

1. पहचान पत्र (voter ID)

2. पैन कार्ड। (Pan Card)

3. पासपोर्ट।  (Passport)

4. ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License)

5. नरेगा जॉब कार्ड।

6.  बिजली का बिल।

7. आधार कार्ड

वगैरह। इसके अलावा और भी  दस्तावेज हो सकते हैं जिनको व्यक्तिगत पहचान के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।

KYC के बारे में अंतिम बात:-

  • कोई भी कंपनी चाहती है कि हम जो भी सुविधा दे रहे हैं वह धोखाधड़ी का शिकार, गैरकानूनी या उसका दुरुपयोग ना हो इसलिए KYC करवाती है।
  • हमे kyc करवानी चाहिए कि हमारे बगैर कोई दूसरा हमारे नाम या वित्त का फायदा या दुरुपयोग न कर सके।
  • हमे KYC status को अपडेट की जरूरत हो तो उसे भी अपडेट कराना चाहिए।
  • KYC verification में हालांकि एक दिन से भी कम समय लगता है,जबकि इसकी समय सीमा सात दिन तक हो सकती है।

KYC के बारे में यह थी छोटी सी जानकारी उम्मीद है आपको पसंद आई होगी। Comment करके बताइएगा जरूर। धन्यवाद।

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