25+Good habits for students in hindi with habit a definition
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विद्यार्थियों के लिए अच्छी आदतें। आदत एक परिभाषा अथवा आदत की परिभाषा।-Good habits for students. Habit A definition or definition of habit.
Good habits for students के बारे में बताने से पहले क्यों न आदत्त का थोड़ा सा विश्लेषण कर लिया जाए। अर्थात क्यों न Habit की परिभाषा का अवलोकन किया जाए! और साथ ही मालूम किया जाए कि what is definition of habit अर्थात आदत की परिभाषा क्या है?
मेरे हिसाब से तो आदत अपने आप में ही एक परिभाषा है। आदत हमारे या किसी के भी व्यक्तित्व को उजागर करने में एक अहम भूमिका अदा कर सकती है। फिर भी अगर आदत की परिभाषा के पीछे आप पड़ ही गए हैं तो मेरे हिसाब से हम आदतों को कुछ इस तरह से परिभाषित कर सकते हैं।
Habits a definition Or habit's definition- आदतें एक परिभाषा अथवा आदत की परिभाषा।
आदतों (habits) के बारे में भी अगर हम शून्य से ही शुरू करें तो आदत की परिभाषा कुछ इस तरह से होगी:-
- अपने विचारो पर, करे विचार, क्योंकि ये आपके बोल (वचन) बनते हैं
- अपने बोलो (वचनों) पर भी करें विचार क्योंकि ये आपके कर्म (कार्य) बनते हैं
- अपने कर्मो (कार्यों) पर भी करें विचार क्योंकि ये आपकी आदतें बनते हैं
- अपनी आदतों पर भी करें विचार, क्योंकि ये आपका चरित्र गढ़ते हैं।
- और आपका चरित्र बनाता है आपका भाग्य।
संसार में चरित्र का व्याख्यान क्या है यह सबको पता है। उच्च चरित्र, उच्च व्यक्ति, उच्च व्यक्तित्व। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि चरित्र के बारे में अपनों के अलावा दूसरे बोलते हैं तभी सबसे अच्छा लगता है। और सबसे बुरा भी तभी लगता है। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसकी गवाही हमारे व अपनों के अलावा दूसरे ही दे दें।
आदतें जो हास्यास्पद हो सकती हैं या हमें हास्य का पात्र बना सकतीं हैं।-Habits that can be ridiculous or make us characters of humor.
अच्छी व बुरी आदतों के व्याख्यान से पहले कुछ हास्य व्यंग हो जाए। मेरा मानना है कि किसी भी चीज की शुरुआत से पहले हमारे मन मस्तिष्क को हल्का फुल्का होना चाहिए, हास्य व्यंग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
किसी भी कार्य की शुरुआत खुशमिजाजी से करेंगे तो एक अच्छे परिणाम की आशा की जा सकती यकीन किया जा सकता है। यह भी हमारी आदत का एक हिस्सा होना चाहिए। क्या बुरा सा मुंह बनाकर कार्य करने से कार्य की सफलता की उम्मीद की जा सकती है? गंभीर होना है तो कार्य के प्रति होइए ना की स्वयं को गंभीर बनाइए। मतलब स्वयं को उत्साहित करें ना कि यह कि, "अरे यार... उहं आह..! यह भी करना पड़ेगा।" बजाय कहें, "हां मैं कर सकता हूं या मैं शुरुआत कर सकता हूं।"
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Short story in hindi|आदत के बारे में एक छोटी सी कहानी- आदत अधिक खाने की
भोलूराम एक अच्छा आदमी और अपने नाम के अनुसार भोला भाला। कुछ ही समय पहले इनकी नई नई शादी हुई थी। एक बार ये पत्नी को लेने अपने ससुराल पहुंचे।
दामाद के आने के उपलक्ष्य में खीर पूरियां बनी। ये महाशय खाने बैठे। रसोईघर से खाने के सामान का आगमन हो रहा था। रसोई में पत्नी भी बैठी थी और इन्हें खाते हुए देख रही थी। खाने के मामले में भोलूराम कुछ अधिक ही संजीदा थे। खाने में आते मजे को भुनाने के लिए ये एक पूरी को एक ही बार में एक ही निवाला बनाकर खा रहे थे।
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इनकी इस हरकत को देखकर पत्नी शर्म से पानी पानी हो रही थी। वो स्वयं को बहुत ही लज्जित महसूस कर रही थी। पति द्वारा एक ही बार में संपूर्ण पूरी खाने की आदत से वो जमीन मे गढ़ी जा रही थी।
जब पत्नी के बर्दाश्त से बाहर हो गया तो औरो से नज़रे बचाकर अपनी ओर ताड़ते अपने पति की ओर इन्होंने, इस अभिप्राय से कि एक पूरी के कम से कम दो टुकड़े करके तो खाओ दो उंगलियां दिखाई। पति महोदय भोलूराम जी ने पत्नी की दो उंगलियों का अभिप्राय समझा और एक आज्ञाकारी पति की भांति अब एक पूरी की बजाय एक साथ दो पुरियों का एक निवाला बनाने लगे और गर्वित होकर पत्नी की ओर देखकर मुस्कुराते हुए खाने लगे। भोलूराम को ऐसा करते देख पत्नी ने अपने माथे में हाथ मारा और शायद किस्मत को कोसा।
ससुराल से पत्नी के साथ घर को प्रस्थान करते वक्त पत्नी के पूछने पर कि, "तुम पूरी को तोड़कर क्यों नहीं खा रहे थे।"
भोलूराम ने गर्व से कहा, "खाने के मामले में हम लोग शर्म नहीं करते। मै क्या करता तुम्हारे घरवालों ने खाना ही इतना स्वादिष्ट बनाया था कि सब्र ही नहीं हो रहा था।"
ये था खाने की आदत का एक छोटा सा प्रसंग जो सिर्फ मजाक के तौर पर आपके लिए प्रस्तुत किया गया है, गंभीरता मे ना लें।
अब बात करते हैं कुछ आदतों के बारे में जिसमे आप स्वयं अपनी आदतों का विश्लेषण करे कि इनमे आप मे कौन सी हैं और कौन सी नहीं है।
हमारे जीवन में आदतों का महत्व क्या है?-What is the importance of habits in our life?
आदतें जो हमारे जीवन में हमारी दशा एवं दिशा निर्धारित करती हैं। जैसी हमारी आदतें होंगी, दशा भी वैसी ही होगी। हमारे कार्य भी आदतानुसार होंगे। बाद में हमारी आने वाली पीढ़ी भी तो हमारी आदतों से सीखेंगी या अनुसरण करेगी। कौन सा अभिभावक चाहेगा कि उनके बच्चों में कोई गलत आदत हो जिससे उन्हें नीचा देखना पड़े।
अपनी आदतों का विश्लेषण करे स्वयं-
यहां हम आपके सम्मुख 25 आदतें प्रस्तुत कर रहे हैं। आप स्वयं अपना अवलोकन करे और जाने कि आप मे कौन सी आदतें है और क्यों हैं? ये आदतें अच्छी हैं या बुरी उनका भी आप स्वयं विश्लेषण करें
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25 आदतें अच्छी या बुरी स्वयं अवलोकन करे- 25 habits, good or bad, observe yourself
1. सत्यता की आदत।
2. ईमानदारी की आदत।
3. हिम्मत ना हारने की आदत।
4. मेहनती होने की आदत।
5. आत्म संतुष्टि की आदत।
6. काम करने की या टालमटोल करने की।
7. जिद्दी होने की - जिद्दी होना है पर किसी को दुखी करके नहीं।
8. उत्साहित होने की आदत।
9. एकाग्रता अथवा अपना ध्यान केंद्रित करना।
10. छोटी से छोटी बातों में भी अपना शत प्रतिशत देना।
11. उतनी ही गहराई मे जाओ जीतने की जरूरत है।
12. बेवजह की सोच सोचना जिसके कोई मायने नहीं।
13. वहीं सोचो जिसके कोई मायने हों या जिसकी हमे जरूरत या भविष्य में काम आने वाला हो।
14. समस्या से मुंह न फेरे और समस्या के बारे में सोचने की बजाय समाधान के बारे में सोचे। अकस्मात कबूतर के सामने कोई बिल्ली उपस्थित हो जाती है, तो कबूतर अपनी आंखे मूंद लेता है, और बिल्ली उसे दिखाई नही देती तो उसे लगता है बिल्ली गई। आप क्या मानते है बिल्ली गई? समस्या से रूबरू हों, समस्या का डटकर मुकाबला करें।
15. स्वयं को शाबाशी देना। अब हर समय तो अवार्ड समारोह होता नही है। मानवीय मानसिकता है कि जब वह पूरी तन्मयता से कार्य करता है और जब उस कार्य की ओर कोई देखता तक नही, मायूसी तो होती ही है। परंतु याद रखें आपको आपसे अधिक कोई नही जानता, आपको लगता है कि आपने कोई अच्छा कार्य किया है तो स्वयं को शाबाशी देना न भूलें। क्योंकि यह जरूरी नही आपके हर कार्य पर सबकी नजर हो लेकिन इसे भी न भूले कि उसकी नजर जरूर है जिसकी नजर से कुछ भी छिपा नहीं है।
16. स्वयं को प्रेरित भी करो, स्वयं प्रोत्साहित करते रहें। यह बहुत जरूरी हो जाता है, जब कभी लगे कि आप थके हुए हैं।
17. जिसे स्वयं पर भरोसा नहीं वह किसी दूसरे पर भी कभी भरोसा नहीं करेगा। स्वयं पर विश्वाश करने की आदत।
18. समस्या को सर उठा कर देखने की बजाय नीचे की ओर देखें। समस्या को अपने ऊपर नहीं अपने नीचे देखो। समस्या कृत्रिम है आप प्राकृतिक जो हमेशा ही कृत्रिमता पर भारी है। समस्या कभी भी आपसे बड़ी नही हो सकती। (ये तो कभी कभी कभी घर वाले भी कह देते हैं कि हमारी सबसे बड़ी समस्या तो तुम.. 😁😀) सॉरी मजाक था।
19.इज्जत दो इज्जत लो का सूत्र अपनाएं, आदर भाव के आदान प्रदान की आदत। यह एक तरह से टेनिस की गेंद की तरह है, जिसे हम दीवार पर मारने पर वापिस उसे ही पाते हैं। जो आप दोगे वही पाओगे।
20. दूसरे के कहने से किसी की छवि खराब करने की बजाय जब तक खुद महसूस ना करो तब तक किसी को बुरा न मानो, ना कहो। परंतु सावधान अवश्य रहो।
21. हमेशा इस बात को स्मरण रखने की आदत की छोटों को प्यार से और बड़ों से आदर भाव से ही उनका प्यार पाया जा सकता है, उन्हे वश में किया जा सकता है।
22. उम्मीद उसी से करो जिनकी उम्मीदों पर तुम खरे उतरे हो या भविष्य में उतर सकते हो ईमानदारी से।
23. असंभव को संभव बनाने पर विचारे, तत्पर रहें, परंतु सत्यता का स्मरण सदैव रखें।
24.किसी को सलाह वही दें जिसके आप अमलदार हैं।
25. गीता उपदेश सदैव याद रखें, जो होगा वो अच्छा होगा, जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है, जो हो चुका वह भी अच्छा ही हुआ।
उम्मीद है आपको ये कुछ आदत हैं या किसी किस्म की कोई सीख आप विश्लेषण करे और अपना मत दे आपकी सलाह का स्वागत है। धन्यवाद
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