Motivational thing with motivational short story in hindi
Motivational short story in hindi पढ़ने से पहले सफगोई के लिए एक Thing कहीं जाए। बिना कुछ किये कुछ सोचते हैं, कभी ना कभी भाग्य बदलेगा।
सोचते हैं, अरे भई! बदलेगा क्यों नही! भाग्य को बदलना होगा क्योंकि मैंने कोई गलत काम जो नही किया है जीवन में। परंतु वे लोग यह भूल जाते हैं कि उन्होंने जीवन में कोई सही काम भी कहां किया है। शुरुआत अवश्य की होगी यह माना जा सकता है परंतु उसे अंत तक ले जाया गया या नही? यह प्रश्न बड़ा है और खड़ा है।
What is SMART goal setting in hindi
Motivational story in hindi for clarity of life|जीवन की स्पष्टता हेतु प्रेरक कहानी हिंदी में
ऐसे ही लोग सही समय की प्रतीक्षा भी करते हैं। अपनी बजाय दूसरो की बातों पर भरोसा करते हैं, इतना ही नहीं अपने आधे से ज्यादा हो चुके काम को दूसरो की बातों में आकर टाल भी देते हैं।
आपको नही लगता कि किसी शुभ मुहूर्त की तलाश केवल अपने काम से पीछा छुड़ाने का सटीक और नायाब तरीका है। और दूसरों की बातो में आकर अपना कार्य छोड़ देना क्या बेहतरीन की तलाश है या स्वयं को आराम परस्त बनाना है?
चलिए एक ज्योतिषी और एक किसान की लघु कथा से रूबरू होते हैं -
Inspirational short story showing the clarity of life|प्रेरणादायक लघु कथा जीवन की स्पष्टता दर्शाती
पुरानी बात है। बात पुरानी है तो राजा महाराजाओं का जिक्र तो होना ही है। एक राजा थे, जो अपने हर कार्य के लिए ज्योतिषी से छानबीन करवाते और उसके बाद ही किसी कार्य को करते। राजा का ज्योतिषी पर अधिकता से भी अधिक विश्वास से या तो बहुत से काम स्थगित ही हो जाते या उनमें समय अधिक लगता जिससे पर्याप्त परिणाम नही मिलता।
परंतु ज्योतिषी महाराज कार्य के परिणाम को सकारात्मकता की दृष्टि का चोला पहना देते। वो कहते "देखा महाराज यदि कार्य को मेरे बताए अनुसार समय की बजाय पहले करते तो यह अपूर्ण ही रहता। अभी जितना संभव हो पाया है उतना भी पूर्ण नही होता। और किसी दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का भी अंदेशा हो सकता था महाराज।"
खैर! एक दिन राजा राजज्योतिषी के साथ गांवों के भ्रमण को निकले। रास्ते में उन्हें एक किसान अपने कंधे पर हल रखे हुए खेत की ओर जाता मिला। आप समझ सकते हैं कि वह खेत जोतने जा रहा होगा।
ज्योतिषी ने उसे आवाज दी तो वह किसान रूक गया। उसने राजा और ज्योतिषी को प्रणाम किया। ज्योतिषी ने उससे कहा, "अरे मूर्ख आज तू उत्तर दिशा की ओर क्यों जा रहा है? दिशाशूल के कारण तू जो भी कार्य करेगा उससे लाभ की बजाय हानि ही होगी।"
किसान ने कहा, "परंतु ज्योतिषी महाराज मैं तो हर रोज इसी दिशा में जाकर अपने खेतों की देखभाल करता हूं। अगर मैं दिशाशूल आदि के अंधविश्वास में पड़ जाता तो मेरी तो खेती कभी की चौपट हो जाती।"
किसान की बात सुनकर ज्योतिषी महाराज झेंप गए और अपनी झेंप मिटाने की गर्ज से बोले, "जरा अपना हाथ तो दिखा, देखूं तेरी भाग्य की रेखाएं क्या कहती हैं?"
इस पर किसान ने ज्योतिषी से कहा, "ज्योतिषी महाराज किसी के सामने हाथ वो फैलाता है जो कामचोर होता है। मैं अपने हाथों से मेहनत करके अपना भाग्य बनाता हूं। खेतों में अनाज उगाता हूं। मैं आपके सामने हाथ क्यों फैलाऊं?" कहकर वह किसान कंधे पर हल उठाए आगे बढ़ गया। किसान की बातें सुनकर जहां ज्योतिषी महाराज झेंप रहे थे। वहीं राजा भी खुद पर शर्मिंदा हुए बिना न रह सके। अब राजा का ज्योतिष के प्रति अंधविश्वास रूपी अंधेरा किसान की बात से मिट चुका था।
Moral of Short story in hindi for motivation
यदि किसान ज्योतिषी पर विश्वास करता तो क्या होता? आप कहेंगे ऐसा वो कैसे कर सकता था क्योंकि उसके खेत ही उस दिशा में थे। परंतु जब हम प्रतिदिन किसी कार्य को इस तरह करते हैं कि अंत में एक बेहतरीन परिणाम की अपेक्षा की जा सके तो हम उसे किसी की बातों में आकर या किसी शॉर्ट कट के चक्कर में अथवा किसी और कारण के क्यों नकार बैठते हैं?
जब तक आप स्वयं की अपनी वास्तविक ऊर्जा, वास्तविक सोच, वास्तविक नजरिया, कि वास्तव में आप चाहते क्या हैं? और आपको कैसे करना चाहिए? आदि का उपयोग नही करेंगे तब तक सफलता से काफी दूरी बनाये रखेंगे स्वयं को।
comment 0 Comments
more_vert