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bakri palan kaise karen

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शनिवार, 7 अक्तूबर 2023

बकरी पालन कैसे करें लाभ देखभाल स्थिरता 

बकरी पालन एक लाभदायक प्रयास है जो दुनिया भर में सदियों से किया जाता रहा है। ये बहुमुखी जानवर हमें दूध, मांस और फाइबर प्रदान करते हैं, जिससे वे खेतों और घरों के लिए एक मूल्यवान और कमाई के अतिरिक्त स्त्रोत बन जाते हैं।  

यदि आप बकरी पालन का समर्थन करते हुए बकरी पालन करना चाहते हैं। फिर चाहे आप एक अनुभवी व्यक्ति हों या बकरी पालन उद्यम शुरू करने की सोच रहे नौसिखिया, जो अपनी आजीविका या अपनी स्थिर आमदनी को बढ़ावा देना चाहते हैं। यह लेख आपको बकरी पालन की बुनियादी बातों के बारे में मार्गदर्शन तो देगा ही, साथ ही बहुत कुछ ज्ञान वर्धक होगा। जिसमें बकरी पालन के लाभ, बकरी पालन से कमाई, बकरियों का चयन, और बकरी पालन कैसे करें? आदि बातों को भी बताने वाला है। 

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बकरी पालन कैसे करें|बकरी पालन में सावधानियां|बकरी पालन से कमाई 

बकरी पालन, जिसे कैप्रिन खेती भी कहा जाता है, सदियों से कृषि का एक अभिन्न अंग रहा है। दुनिया भर के किसानों या आम चरवाहों के लिए एक मूल्यवान संपत्ति बनाता है। हम बकरी पालन के असंख्य लाभों, आवश्यक देखभाल प्रथाओं और टिकाऊ कृषि में इसकी भूमिका का पता लगाएंगे। 

बकरी पालन इन हिंदी|बकरी पालन के फायदे

हमारे यहां कहावत है कि बकरी पालन से हम पांच रुपए प्रति सैकड़ा का ब्याज भी उतार सकते हैं। यानी यदि हमने किसी से पांच रुपए की ब्याज दर से कर्ज लिया है तो भी उसे चुकता किया जा सकता बकरी पालन से। चलिए बकरी पालन के वो लाभ देखते हैं, जो आपकी बकरियों में आपके ग्राहकों या दुनिया वालों को दिखाई पड़ते हैं, और उसी हिसाब से आपको लाभ मिलना शुरू हो जाता है। बकरी पालन के फायदे निम्नलिखित हैं_

  1. बकरी में पोषक तत्वों से भरपूर दूध होता है
  2. बकरी (बकरा) का उच्च गुणवत्ता वाला मांस 
  3. बकरी की सतत चराई से बकरी पालन से प्रकृति लाभ
  4. बकरी पालन और फाइबर उत्पादन 
  5. कुशल प्रजनन बकरी पालन से कमाई में वृद्धि 
  6. बकरी पालन जैविक खाद का स्त्रोत

1. बकरी में पोषक तत्वों से भरपूर दूध होता है|बकरी के कितने थन होते हैं

हालांकि गाय और भैंस के चार थनों की बजाय बकरी के दो ही थन होते हैं। परंतु बकरियां पौष्टिक दूध का उत्पादन करती हैं जो विटामिन, खनिज और प्रोटीन से भरपूर होता है। इसका उपयोग पनीर और दही जैसे विभिन्न डेयरी उत्पादों को बनाने के लिए भी किया जाता है। 

आजकल तो बुखार आने पर जिसमे चिकन गुनिया, डेंगू मुख्य हैं इनमें जब मरीज की प्लैटरेट गिरती हैं बकरी के दूध की पौष्टिकता उसे कंट्रोल करने में सहायता करती है।

2. बकरी (बकरा) का उच्च गुणवत्ता वाला मांस 

मेल बकरी का मांस, जिसे "चेवॉन" या "कैप्रेटो" के नाम से जाना जाता है। बकरी मेल (बकरा) का मांस दुबला एवं कोमल होता है और इसका स्वाद अनोखा होता है। बकरे का मांस कई व्यंजनों में एक लोकप्रिय विकल्प है जैसे चावल की बिरयानी वगैरह। लाल मांस का एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प माना जाता है बकरी का मांस।

3. बकरी की सतत चराई से बकरी पालन से प्रकृति लाभ

बकरियाँ उत्कृष्ट चरने वाली होती हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि बकरियां मैदानी क्षेत्रों या जंगल अथवा घास के मैदान में ही नही बल्कि शुष्क और पहाड़ी क्षेत्रों सहित विविध परिदृश्यों में भी पनप सकती हैं।  

बकरियों के विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों को चरने की उनकी क्षमता अनचाही खरपतवारों को नियंत्रित करने और जंगल की आग के खतरे को कम करने में मदद करती है।

4. बकरी पालन और फाइबर उत्पादन

साधारण बकरियों की बजाय खास बकरियों की बात करें तो कुछ बकरी की नस्लें, जैसे अंगोरा और कश्मीरी, अपने उच्च गुणवत्ता वाले फाइबर के लिए बेशकीमती हैं। अंगोरा बकरियां मोहायर का उत्पादन करती हैं, जबकि कश्मीरी बकरियां कश्मीरी ऊन का उत्पादन करती हैं, दोनों का बाजार मूल्य उच्च है।

5. कुशल प्रजनन बकरी पालन से कमाई में वृद्धि 

बकरियां तेजी से प्रजनन करती हैं, बकरियों में गर्भधारण की अवधि कम होती है और एक ही गर्भावस्था में एक से अधिक संतान पैदा करने की क्षमता होती है। इस विशेषता के कारण बकरी पालन जल्द ही बड़े झुंड का आकार  तेजी से लेने लगता है और आमदनी में वृद्धि होती जाती है।

6. बकरी पालन जैविक खाद का स्त्रोत

बकरी की खाद (मैंगनी) जैविक खाद का एक उत्कृष्ट स्रोत है। यह पोषक तत्वों से भरपूर है और कृषि में उपयोग करने पर मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करता है। मिट्टी की उर्वरक शक्ति में इजाफा करता है। 

मोटे तौर पर प्रस्तुत किए गए बकरी पालन के लाभ एवं बकरी पालन से कमाई के जरिए हैं। जबकि आपके बकरियों का झुंड किसी जायदाद की भांति आपके पास होता ही है।  

बकरी पालन|बकरी पालन इन हिंदी सही चयन एवं देखभाल व सावधानियां

बकरी पालन एक कला है सफल बकरी पालन के लिए एक मार्गदर्शिका

बकरी पालन एक लाभदायक प्रयास ही नहीं है, एक कला भी है, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं जिन्हें आपको ध्यान देना होगा। बकरी एक बहुमुखी जानवर है जो हमें दूध, मांस और फाइबर प्रदान करते हैं, परंतु बकरी पालन के लिए बकरी चुनने से लेकर उनकी देखभाल करने का कार्य किसी विशेषज्ञ से कम भी नहीं होता है।  

परंतु बकरी पालन का कार्य इतना जटिल भी नही कि कोई आमजन कर ही न सके। बकरी पालन के प्रति समर्पण और बकरियों की परिवार की भांति मन से देखभाल करने से कोई भी बकरी पालन से कमाई कर अपनी आजीविका का जरिया या अतिरिक्त आय के स्त्रोत बना सकता है। यदि आप नौसिखिया हैं तो यह ये कुछ सुझाव आपको बकरी पालन की बुनियादी बातों के बारे में मार्गदर्शन देंगे। बकरी पालन के लिए कुछ बुनियादी बातें जो निम्नलिखित हैं_ 

  1. सही नस्ल का चयन बकरी पालन का मुख्य आधार 
  2. बकरी पालन शेड|बकरियों का आवास एवं आश्रय 
  3. बकरी पालन में उनका आहार एवं पोषण 
  4. बकरी पालन स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा देखभाल 
  5. बकरी पालन में बकरी प्रजनन का ध्यान रखना
  6. बकरी के व्यवहार का प्रबंधन बकरी पालन का भाग 
  7. बकरी पालन के उत्पाद की मार्केटिंग

1. सही नस्ल का चयन बकरी पालन का मुख्य आधार

सफल बकरी पालन में पहला कदम बकरी की सही नस्ल का चयन करना है।  विभिन्न बकरियों की नस्लें विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं।  उदाहरण के लिए, सानेन और न्युबियन जैसी डेयरी बकरियां दूध उत्पादन के लिए आदर्श हैं और दूध उत्पादन के लिए उनका उपयोग बकरी पालन होता है। 

बरबरी, सोजत आदि बकरी की किस्में मुख्य रूप से राजस्थान में पाई जाने वाली नस्ल है। काहमी आदि गुजरात, जमुनापारी, रोहिलखंडी आदि की नस्लें मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में पाई जाती हैं। भारत के लभभग ही मैदानी इलाकों में बकरी पालन दूध एवं मांस के लिए किया जाता है। सुनिश्चित करें कि आप शोध करें और ऐसी नस्ल का चयन करें जो आपके लक्ष्यों और संसाधनों के अनुरूप हो।

2. बकरी पालन शेड|बकरियों का आवास एवं आश्रय

 बकरियों को कठोर मौसम की स्थिति से बचाने के लिए पर्याप्त आश्रय की आवश्यकता होती है।  उन्हें स्वस्थ रखने के लिए एक हवादार और स्वच्छ आश्रय आवश्यक है। सुनिश्चित करें कि आवास सुविधाएं इतनी विस्तृत हों कि आप जितनी बकरियों को पालने की योजना बना रहे हैं, उन्हें समायोजित कर सकें और उन्हें स्वच्छ पानी और उचित पोषण उपलब्ध हो। 

बकरी और ऊंट पानी से एक तरह से घिन्न मानते हैं। मतलब कि नमी और पानी से इनका माथा ठिनकता है। जहां लगभग सभी जीव जंतु बरसात के मौसम में खुश होते हैं, वहीं बकरी एवं ऊंट बरसात से कदापि खुश नहीं होते। इसलिए बकरी पालन में बकरियों को सुखी जगह पर रखा जाता है।

3. बकरी पालन में उनका आहार एवं पोषण 

बकरियां विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों को चरने की अपनी क्षमता के लिए जानी जाती हैं, लेकिन उन्हें संतुलित पोषण की भी आवश्यकता होती है।  उनके आहार में उनकी उम्र और उद्देश्य के आधार पर चारा, गुणवत्तापूर्ण घास और पूरक अनाज या छर्रों का मिश्रण शामिल होना चाहिए। अपनी बकरियों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप पोषण योजना बनाने के लिए पशुचिकित्सक या पशुधन पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लें।

4. बकरी पालन स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा देखभाल

बीमारियों को रोकने और स्वस्थ बकरी झुंड को बनाए रखने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण महत्वपूर्ण हैं। आवश्यकतानुसार समय पर टीकाकरण और उपचार सुनिश्चित करने के लिए पशुधन में विशेषज्ञता रखने वाले स्थानीय पशुचिकित्सक के साथ संबंध स्थापित करें। आपकी बकरियों को अच्छी स्थिति में रखने के लिए उचित परजीवी नियंत्रण भी आवश्यक है। पशुधन अथवा पशुपालन के लिए गांव या जिला में अस्पताल भी उपलब्ध हैं। रोग रोकथाम एवं चिकित्सा सलाह और दवाइयां लगभग मुफ्त में उपलब्ध होती हैं।

5. बकरी पालन में बकरी प्रजनन का ध्यान रखना

यदि आप बकरियों के प्रजनन की योजना बना रहे हैं, तो आपको उनके प्रजनन चक्र और प्रजनन प्रथाओं से परिचित होना चाहिए।  प्रजनन का मौसम नस्ल और स्थान के आधार पर अलग-अलग होता है, इसलिए उसी के अनुसार शोध करें और योजना बनाएं। अपने झुंड को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए प्रजनन तिथियों और गर्भधारण का सटीक रिकॉर्ड रखें। प्रजनन और नस्ल बरकरार रखने के लिए झुंड में उसी नस्ल का मेल बकरा भी रखा जाना चाहिए। 

6. बकरी के व्यवहार का प्रबंधन बकरी पालन का भाग

सफल बकरी पालन के लिए बकरी के व्यवहार को समझना आवश्यक है। बकरियां सामाजिक जानवर हैं जो समूहों में रहती हैं और पनपती हैं, इसलिए उन्हें जोड़े या छोटे झुंड में रखने की सलाह दी जाती है। यह तो आप जानते ही होंगे कि बकरियां शरारती होती हैं। बकरियां कूदने और चढ़ने के लिए जानी जाती हैं। हमारे यहां एक कहावत है, "बकरी या तो बांधी रह, या रांधी रह।" मतलब कि बकरियां या तो बांधी हुई आराम से बैठती हैं या रांधी मतलब पकाना, इससे आप समझ ही गए होंगे कि कहावत का अभिप्राय क्या है? इसलिए सुनिश्चित करें कि भागने से रोकने के लिए आपकी बाड़ सुरक्षित हो। 

7. बकरी पालन के उत्पाद की मार्केटिंग

आपके बकरी पालन का लक्ष्य दूध, मांस या फाइबर जैसे बकरी उत्पाद बेचना है, तो संभावित ग्राहकों तक पहुंचने के लिए मार्केटिंग रणनीतियां अपनाएं और स्थापित करें। स्थानीय बाज़ार, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, या व्यक्तियों या रेस्तरां को सीधी बिक्री व्यवहार्य विकल्प हो सकते हैं। 

यह तो सभी जानते हैं, जितना प्रचार उतना फायदा

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बकरी पालन सार 

यदि समर्पण और ज्ञान के साथ बकरी पालन किया जाए तो यह एक पूर्ण और लाभदायक उद्यम हो सकता है।  याद रखें कि प्रत्येक नस्ल और व्यक्तिगत बकरी की विशिष्ट ज़रूरतें और विशेषताएं होती हैं, इसलिए निरंतर सीखना और अनुकूलन सफल बकरी पालन की कुंजी है। उचित देखभाल, पोषण और आश्रय प्रदान करके, आप दूध, मांस और अन्य मूल्यवान उत्पादों के स्थायी उत्पादन में योगदान करते हुए एक स्वस्थ और संपन्न बकरी झुंड का निर्माण कर सकते हैं। 

👉क्या आप चार जानवरों के नाम बता सकते हैं? जिनके चार थन होते हैं।