आखिर कैसे जानें अपने आला ब्लॉग(Niche) को|How to find own Blog Niche
हम सब को ब्लौग बनाने मे तो कोई परेशानी नहीं हैं, परन्तु उसमें लिखे क्या? यह सोच सोच कर परेशान होते रहते हैं। किस टॉपिक पर ब्लॉगिंग करें? इसी समस्या को लेकर कुछ सलाह मशविरा करेंगे। सोचेंगे समझेंगे और फिर किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे और अपना Blog Niche कन्फर्म कर पाएंगे।उम्मीद है विचार-विमर्श के बाद हम लोग एक विषय पर जरूर पहुंचेंगे शायद आपको पसंद आएगा और आप उस विषय को चुनकर अपना ब्लॉग शुरू करेंगे। इसमें सबसे पहले हमे खुद जानना होगा पहचानना होगा। कि हमारी पहचान क्या है?
प्रश्न सुनकर मैंने कहा पहचान मतलब.. पहचान... मतलब...यह.. वह.. यह! मैं लड़़खड़ा गया।
आखिर ये खुद की पहचान क्या है? आपकी पहचान ही आपका Niche है|What is this identity after all? Your identity is your niche.
एक रात मैं और मेरा 8 साल का छोटा लड़का टीवी पर एक सीरियल जो कृष्णा के नाम से आता है देख रहे थे उस दृश्य में बाल कृष्ण और हनुमान जी की उपस्थिति का दृश्य था जब हनुमान जी बाल कृष्ण से मिलते हैं तो कृष्ण हनुमान जी को न पहचानने का अभिनय करते हैं यानी कि वह उन्हें देखकर अपने चेहरे के ऐसे भाव दिखाते हैं कि वह कौन है? वह इन्हें जानते ही नहीं! तो मेरा लड़का यह देखकर कहता है कि पापा कृष्ण जी हनुमान जी को कैसे जानेंगे तो मैंने कहा कि हनुमान जी अब अपनी पहचान दिखाएंगे तभी तपाक से लड़के ने जवाब दिया कि पापा यह पहचान क्या होती है?प्रश्न सुनकर मैंने कहा पहचान मतलब.. पहचान... मतलब...यह.. वह.. यह! मैं लड़़खड़ा गया।
कहने का मतलब है कि मुझे जल्दी से कोई उत्तर नही सूझा, तभी लड़के ने कहा कि देखो पापा हनुमान जी कितने बड़े हो गए। तभी मुझे भी सुझा, "हां बेटा यही तो पहचान है इनकी! ये ताकतवर है बलवान है.......!".... "और पहाड़ उठा लिया था, और एक छलांग में समुद्र को पार कर दिया था और लंका में जाकर लंका में आग लगा दी थी, है ना! ये सब तो इन्होंने काम किए हैं, मुझे बीच में रोककर लड़का खुद बताने लगा। मैंने कहा हां भाई यही तो पहचान होती है। जो कुछ हम काम करते हैं वही तो हमारी पहचान होती है। तो लड़का अच्छा.. कहकर टीवी देखने लगा।
सच्चाई भी है जो भी हम काम करते हैं उसी से ही तो हमारी पहचान बनती है हमारे कौशल का पता चलता है। हमारी दक्षता का पता चलता है, कि हममें यह खास है। तो आइए देखते हैं, कि हम में क्या खास है।
सबसे पहले तो आप यह देखिए की आप में ऐसा क्या खास है? जिसे आप अपने दिल में लिए घूम रहे हैं।
लोग आपको किस वजह से पहचानते हैं अथवा आप अपनी क्या पहचान बनाना चाहते हैं? लोगों की नजरों में आपकी छाप क्या हो या आपकी छवि क्या हो? ऐसा काम जिसके बारे में लोगों के जेहन में कोई प्रश्न उठे? और वे अपना जवाब तलाशने के लिए आपके ब्लॉग पर आए। अपने जवाब के साथ साथ उन्हें अच्छी जानकारी भी मिले।
ऐसा काम जिसे आप अपने सामने किसी और को करते हुए देखते हैं और आपको ऐसा लगता है; कि इससे बेहतर तो आप कर सकते हैं, परंतु याद रखिए किसी के भी काम में कमी निकालना आसान है, लेकिन कमियों को दूर करना बहुत मुश्किल।
ऐसा कौन सा काम है जिसमें आप को महारत हासिल हो, या करना चाहते हों। अथवा करने आनंद आता हो। जिसमें आप से कोई चूक ना हो। ऐसा काम जिसे आप और लोगों से बेहतर समझा सकते होंं।
ऐसा काम जिससे आप कभी बोर ना होते हो, ऐसा काम जिसमें आपको मजा आता हो, ऐसा काम जिसमें आप अपनी भूख प्यास भूल जाते हो, ऐसा काम जिसमें आप मिनट घंटे या दिन तक लगा दे तो भी आपको थकान ना हो। उस काम को करने के लिए आप हमेशा अपने आपको तरोताजा महसूस करते हो।
ऐसा काम जिसको करने के लिए आप हमेशा लगातार उत्साहित रहते हो और जिसको टालने का बहाना आपके दिलों दिमाग पर हावी ना हो और उस काम को हमेशा करने के लिए आप तत्पर रहते हो।
सोचिए आपके घर के बच्चे- बडे़ या बाहर के लोग आपसे किसी बारे में कोई सलाह करते हो आपसे पूछते हो किसी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए आपके पास आते हो। यह जरूरी नहीं, कि सभी! हर कोई ही। कोई एक भी हो जिसमें आपने सलाह दी हो उसका काम संपूर्ण हुआ हो।
कुछ ऐसा कि जिसके बारे में आप आगे पीछे दाएं बाएं ऊपर नीचे इधर-उधर हर तरह से सोचते हो यानी गहराई से सोचते हो। गहराई से उसका विश्लेषण कर सकते हो।
कोई ऐसी जानकारी जिसके बारे में जानने की आपके दिल में खुद उत्सुकता हो जिसके बारे में जानने के लिए आप आलस्य ना करते हो जिसके बारे में जानने के लिए आप हमेशा तत्पर रहते हो।
कुछ ऐसा कि जिसके बारे में लोग कहते हो कि यह काम तो वही कर सकता है या इसके बारे में तो वही बता सकता है या इसके बारे में तो वह अधिक सोच सकता है।
कुछ ऐसा कि जिसे सिखा कर आप लोगों की मदद कर सकते हो जिससे लोगों की भलाई हो और उन्हें फायदा हो।
तो झांकिये अपने अंदर और पहचानिए अपने कौशल को अपनी दक्षता को अपने हुनर को। जुट जाइए अपने लक्ष्य की ओर। तब तक मत रखिए जब तक मंजिल ना मिल जाए।
आगे हम कुछ विषयों के ऊपर विचार-विमर्श करेंगे तब तक शायद , आप अपने हुनर को पहचान कर! किसी खास टॉपिक पर पहुंच जाएं, तब तक मेरी दुआएं आपके साथ हैं। धन्यवाद.....।
सच्चाई भी है जो भी हम काम करते हैं उसी से ही तो हमारी पहचान बनती है हमारे कौशल का पता चलता है। हमारी दक्षता का पता चलता है, कि हममें यह खास है। तो आइए देखते हैं, कि हम में क्या खास है।
सबसे पहले तो आप यह देखिए की आप में ऐसा क्या खास है? जिसे आप अपने दिल में लिए घूम रहे हैं।
लोग आपको किस वजह से पहचानते हैं अथवा आप अपनी क्या पहचान बनाना चाहते हैं? लोगों की नजरों में आपकी छाप क्या हो या आपकी छवि क्या हो? ऐसा काम जिसके बारे में लोगों के जेहन में कोई प्रश्न उठे? और वे अपना जवाब तलाशने के लिए आपके ब्लॉग पर आए। अपने जवाब के साथ साथ उन्हें अच्छी जानकारी भी मिले।
ऐसा काम जिसे आप अपने सामने किसी और को करते हुए देखते हैं और आपको ऐसा लगता है; कि इससे बेहतर तो आप कर सकते हैं, परंतु याद रखिए किसी के भी काम में कमी निकालना आसान है, लेकिन कमियों को दूर करना बहुत मुश्किल।
ऐसा कौन सा काम है जिसमें आप को महारत हासिल हो, या करना चाहते हों। अथवा करने आनंद आता हो। जिसमें आप से कोई चूक ना हो। ऐसा काम जिसे आप और लोगों से बेहतर समझा सकते होंं।
ऐसा काम जिससे आप कभी बोर ना होते हो, ऐसा काम जिसमें आपको मजा आता हो, ऐसा काम जिसमें आप अपनी भूख प्यास भूल जाते हो, ऐसा काम जिसमें आप मिनट घंटे या दिन तक लगा दे तो भी आपको थकान ना हो। उस काम को करने के लिए आप हमेशा अपने आपको तरोताजा महसूस करते हो।
ऐसा काम जिसको करने के लिए आप हमेशा लगातार उत्साहित रहते हो और जिसको टालने का बहाना आपके दिलों दिमाग पर हावी ना हो और उस काम को हमेशा करने के लिए आप तत्पर रहते हो।
सोचिए आपके घर के बच्चे- बडे़ या बाहर के लोग आपसे किसी बारे में कोई सलाह करते हो आपसे पूछते हो किसी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए आपके पास आते हो। यह जरूरी नहीं, कि सभी! हर कोई ही। कोई एक भी हो जिसमें आपने सलाह दी हो उसका काम संपूर्ण हुआ हो।
कुछ ऐसा कि जिसके बारे में आप आगे पीछे दाएं बाएं ऊपर नीचे इधर-उधर हर तरह से सोचते हो यानी गहराई से सोचते हो। गहराई से उसका विश्लेषण कर सकते हो।
कोई ऐसी जानकारी जिसके बारे में जानने की आपके दिल में खुद उत्सुकता हो जिसके बारे में जानने के लिए आप आलस्य ना करते हो जिसके बारे में जानने के लिए आप हमेशा तत्पर रहते हो।
कुछ ऐसा कि जिसके बारे में लोग कहते हो कि यह काम तो वही कर सकता है या इसके बारे में तो वही बता सकता है या इसके बारे में तो वह अधिक सोच सकता है।
कुछ ऐसा कि जिसे सिखा कर आप लोगों की मदद कर सकते हो जिससे लोगों की भलाई हो और उन्हें फायदा हो।
तो झांकिये अपने अंदर और पहचानिए अपने कौशल को अपनी दक्षता को अपने हुनर को। जुट जाइए अपने लक्ष्य की ओर। तब तक मत रखिए जब तक मंजिल ना मिल जाए।
आगे हम कुछ विषयों के ऊपर विचार-विमर्श करेंगे तब तक शायद , आप अपने हुनर को पहचान कर! किसी खास टॉपिक पर पहुंच जाएं, तब तक मेरी दुआएं आपके साथ हैं। धन्यवाद.....।
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