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Personality Development tips in hindi

Personality Development tips in hindi
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मंगलवार, 22 नवंबर 2022

Personality Development tips in hindi|personality development kaise kare

Personality development tips in hindi में आपके लिए प्रस्तुत है यह लेख। Personlity क्या है सर्वप्रथम इसका जवाब पाएंगे। तत्पश्चात आपको इसे devlopment करने की दरकार क्यों है? सफलता के रास्ते में क्या मायने हैं व्यक्तित्व के।

Personality development व्यक्तित्व विकास मतलब सफलता! क्या यह सही है? शायद नहीं भी! और हां भी! क्योंकि हमारा व्यक्तित्व जीवन में हमारे बहुत से कार्यों को सफल अथवा असफल करने में अच्छी खासी भूमिका निभा सकता है या नही आप निर्णय कीजिएगा और personality develop kaise kare इस बारे में जानकर अपने व्यक्तित्व का विकास कैसे करते हैं इस तरीके को अपनाएगा जरूर। 

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Personality Development tips in hindi|What is personality|पर्सनालिटी क्या है

जब कोई पास से गुजर जाए और अनायास हमारी नजरे उसे दुबारा देखने की चेष्टा करें तो क्या हम उस व्यक्तित्व की ओर आकृष्ट हैं अथवा उसके व्यक्तित्व के कायल हैं?

कोई पार्टी चल रही है और मेहमान आते जाते रहते हैं। परंतु अकस्मात ऐसा व्यक्ति प्रवेश करता है जिसे देखने को सबकी नजर अनायास उधर उठ जाती हैं। क्या वो आकर्षक व्यक्तित्व है? खैर! और गहराई से जानते हैं कि personlity क्या है?

What is personality|पर्सनालिटी क्या है 

बात आज के युग की करें तो Personality मानव विज्ञान का महत्पूर्ण व्याख्यान है। व्यक्तित्व जिससे आप किसी मनुष्य के व्यवहार उसके आचार विचार का संज्ञान पाते हैं। जब लोगो के चेहरे नही मिलते तो उनके आचरण का न मिलना कोई बड़ी बात नहीं है। 

दुनिया में हर व्यक्ति ही नही हर जीव की भी स्वयं की अपनी आदतें, विचार, हरकतें जुदा होती हैं। इसमें अचंबा करने की जरूरत नहीं है। अपने पालतू जानवरों से इसका अंदाजा लगा सकते हैं। जब आप कहते हैं, "इसकी बजाय पहले वाला ठीक था।" तो आप अपने पहले वाले पालतू की और हाल ही के पालतू की तुलना करते हैं क्योंकि उनमें आपको भिन्नता नजर आती है।

यहां हम मात्र मनुष्यों की बात करें तो हर व्यक्ति में अपने गुण दोष होते हैं। इन्हीं गुणों एवं अन्य दूसरी विशेषताओं के मद्देनजर ही मानव एक दूसरे से भिन्नता पाता है। मानव की गतिविधियां, व्यवहार कुशलता, आचार विचार, निर्णय लेने की क्षमता आदि व्यक्तित्व के अहम पहलू हैं। आप कह सकते हैं कि मनुष्य की व्यावहारिक क्रियाओं का समुच्य है व्यक्तित्व। 

जहां आमजन बाहरी सुंदरता के आवरण को व्यक्तित्व मानते हैं। वहीं मनोविज्ञान कहता है कि मनुष्य के आंतरिक गुण ही उसका व्यक्तित्व हैं। तो क्यों न हम बाहरी एवं आंतरिक रूप दोनो को ही व्यक्तित्व विकास का मूल स्त्रोत मान लें। 

परंतु सत्यता के करीब जायेंगे तो पाएंगे कि व्यक्ति का स्वभाव एवं आचरण से विकसित होता है उसका व्यक्तित्व। क्योंकि बहुत से उदाहरण आपको मिल जाएंगे। जो आकर्षक शारीरिक डील-डोल के साथ सुंदरता होते हुए भी वो छाप नही छोड़ पाते जो सामान्य शक्लोसूरत वाले अपनी व्यावहारिक गतिविधियों से स्मरण किए जा सकते हैं। 

Personality development kaise kare in hindi|व्यक्तित्व के 10 गुण कौन से हैं?

यहां बताई Personality development tips को अपनाने से पहले इस Motivational short story को पढ़ें एवं अपनी स्मृति में जगह दें। 

Motivational short story in hindi

एक बार एक व्यक्ति अपने दोस्त के घर गया। वहां उसका दोस्त घर पर नही था। दोस्त की पत्नी एवं उसका दश वर्ष का पुत्र था। पुत्र जो अपनी नोटबुक में कुछ लिख रहा था। वह व्यक्ति उसके करीब बैठ गया। दोस्त की पत्नी "मैं आपके लिए चाय बनाकर लाती हूं।" कहकर रसोई घर की ओर चल पड़ी। 

"भाभी जी आप होमवर्क करा रही थी?" व्यक्ति ने पूछा। 

दोस्त की पत्नी ने रुक कर कहा, "नही भाई साहब मैं तो इसे इसकी सभी बुरी आदतों को नोट करा रही थी।"

व्यक्ति, "ओह! अच्छा। और वह उस बच्चे की नोटबुक की ओर मुखातिब हुआ। भाभी जी अपनी बात कहकर रसोई में जा चुकी थीं।

उस व्यक्ति ने बच्चे की नोटबुक देखी जिसमें बच्चे ने मात्र दो ही पंक्तियां लिख रखी थी। व्यक्ति ने बच्चे से कहा, "बेटा क्या हुआ? लिखो।" 

बच्चा बोला, "अंकल आपको नही लगता यह हार्ड काम है।"

व्यक्ति बोला, "हां! लगता है ना! चलो छोड़ो इसे, अब मैं आपसे कहता हूं कि आप अपनी दश अच्छी आदतें लिखो।" 

बच्चा एक बार तो बोला, "मगर मम्मी..!" 

व्यक्ति बोला, "आपकी मम्मी को मैं समझा दूंगा, आप निश्चिंत होकर दश अच्छी आदतों की लिस्ट बनाओ।" 

बच्चा निश्चिंत होकर जल्दी जल्दी लिखने लगा। 

तब तक बच्चे की मम्मी चाय ले आई। बच्चे को जल्दी जल्दी लिखते देख उसे आश्चर्य हुआ। तभी बच्चे ने कहा, "लो अंकल लिख दी।" 

व्यक्ति ने पढ़ा तो उसे भी आश्चर्य हुआ कि पूजा पाठ से लेकर, नहाने, ब्रश करने अपने जूते पॉलिश करने अपना बिस्तर तक समेटने तक की कई अच्छी आदतें बच्चे में थीं। व्यक्ति ने बच्चे की नोटबुक अपनी मम्मी को दिखाने का इशारा किया। जब मम्मी ने देखा तो उसे गुस्सा भी आया परंतु नम्रता से बोली, "ये क्या मैने तो तुम्हे...!" 

"गंदी आदतों को लिखने को कहा था।" व्यक्ति बीच में ही बोल पड़ा। भाभी जी ने उसकी ओर देखा तो व्यक्ति बोला, "भाभी जी आप अपने बच्चे की इतनी सारी अच्छी आदतों को छोड़कर उसकी बुरी आदतों के पीछे क्यों पड़ी हैं? जबकि इसे अहसास तक नहीं हैं कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। इसे तो बस इतना पता है कि ये काम करने से इसे इनाम मिलता है और ये करने से डांट। तो क्यों न इसकी अच्छी आदतों पर ही ध्यान दिया जाए बजाय इसकी गलत आदतों पर। इसकी अच्छी आदतों को ही विकसित करें, और जब गलत करता है तो यह कहें कि आप तो ऐसे नहीं हैं, आप वो करते हैं यानी अच्छे कार्य करते हैं। पहले आदतों को छांटने का संघर्ष करे फिर उन्हें छोड़ने का संघर्ष। इस संघर्ष में क्यों डालती हैं इसे? मात्र इसकी अच्छी आदतों को बढ़ावा दे बुरी अपने आप पीछे छूट जायेंगी। 

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15+ Personality development tips in hindi

इसी प्रकार आपको भी कहना चाहूंगा कि आप अपने अच्छे व्यक्तित्व की ओर ही ध्यान केंद्रित करें, अपनी अच्छी वाली शैली को ही अपनाएं, आपकी भी बुरी वाली अपने आप पीछे छूट जायेगी। उम्मीद है इस short motivational story से आप कुछ समझ पाए होंगे।

  1. अपने व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने के लिए आपको चाहिए कि आप समाज में अपने आपको एक विश्वसनीय व्यक्ति के रूप में स्थापित करें। 
  2. आपको दूसरों को भी यह अहसास दिलाना चाहिए कि आप भी उन पर विश्वास करते हैं । 
  3. किसी से भी छल या कपट भरी बात न करें तथा जो भी स्थिति है उसे खुलकर स्पष्ट करें । 
  4. लोगों से जो भी वादा करें उसे पूरा करने का भरसक प्रयास करें। 
  5. उतना ही बोलें जितना कि आप करने की सामर्थ्य रखते हैं। अपनी क्षमता से अधिक बोलकर स्वयं को अविश्वसनीय न बनायें। 
  6. ईमानदारी तथा सच्चाई का पालन करें एवं दूसरों के सम्मान को आहत न होने दें। 
  7. दूसरों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहें । 
  8. आशावादी दृष्टिकोण रखें एवं सकारात्मक सोच अपनायें ताकि आपका आत्मविश्वास दृढ़ बने एवं कार्यक्षमता में वृद्धि हो। 
  9. सुनियोजित कार्य पद्धति अपनायें ताकि तनाव मुक्त रहकर कार्य कर सकें। 
  10. जो भी बात आप दूसरों से कहना चाहते हैं स्पष्ट रूप से कहें ताकि सुनने वाला यह समझ सके कि आप क्या कहना चाहते हैं।
  11. लोभ तथा लालच की प्रवृत्ति का त्याग करें तथा अपने साथ - साथ दूसरों की भलाई का भी ध्यान रखें । 
  12. सर्वे भवन्तु सुखिन अर्थात सभी सुखी रहें, वाला आदर्श अपनाए। 
  13. दूसरों की अच्छाई या बुराई का आकलन करने से पहले स्वयं के गुण और दोषों को देखें । यदि आप अच्छे होंगे तो सभी अच्छे होंगे । 
  14. आकर्षक व्यक्तित्व का सर्वाधिक महत्वपूर्ण लक्षण है निष्कपट मुस्कान जो बरबस ही लोगों को आपकी ओर आकर्षित कर लेती है । 
  15. जब भी आप तनाव - मुक्त होकर निश्छल मुस्कराहट के साथ लोगों से मिलेंगे तो प्रत्येक व्यक्ति आपसे मिलने की उत्सुकता दर्शायेगा तथा आपसे बात करना चाहेगा। 
  16. जब आप मुस्कराते हुए किसी से मिलते हैं तो सामने वाले का तनाव एवं क्रोध स्वतः ही समाप्त हो जाता है। 
👉"अपनी उपस्थिति का लोगों को आभास कराने की कोशिश न करिए हमेशा प्रयास करिए कि लोगों को आपकी अनुपस्थिति का एहसास हो।"
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