Short story in hindi Success in Faith|विश्वास में सफलता
एक बार, एक पिता अपने बच्चों को समझा रहा था।
पिता, "बच्चों तुम सबसे अलग हो, तुममे हर तरह का सामर्थ्य है। तुम दुनिया से अलग हो, इतिहास रचने की क्षमता है तुममें। यह सोचकर कि यह कार्य तुम्हारे वश में नहीं है, कभी हिम्मत न हारना। तुम किसी भी कोण से कमजोर नहीं हो। बताओ, क्या मैं गलत हूं?"
एक बेटा, "पापा यह तो हर माता पिता को लगता है, क्या वे सभी इतिहास रचते हैं?"
पापा, "परंतु बेटा अपने माता-पिता की इस बात पर कितने पुत्र पुत्री पूर्णत विश्वास करते हैं? स्वयं को अपने माता पिता की नजरों से देखते हैं। यदि स्वप्न में कोई दैवीय शक्ति आकर कहे कि तुम विशिष्ट हो, तुम आलौकिक हो, तुम कुछ भी करने के लिए समर्थ हो, तुम विश्वास कर लोगे परंतु सम्मुख माता पिता पर भरोसा नहीं करोगे। जो माता पिता की नजरों से स्वयं को देखते हैं अपना व्यवहार वैसा ही बनाते हैं, विश्वास करते हैं वे जरूर इतिहास रचते हैं। अब यह तो संतान पर निर्भर है कि वे अपने माता पिता पर कितना यकीन करते हैं और उनके यकीन को बरकरार रखते हैं।"
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